मैं पीला-पीला-सा प्रकाश

मैं पीला-पीला-सा प्रकाश

मैं पीला-पीला-सा प्रकाश, तू भकाभक्क दिन-सा उजास...
मैं आम पीलिया का मरीज़, तू गोरी-चिट्टी मेम खास...
मैं खर-पतवार अवांछित-सा, तू पूजा की है दूब सखी, मैं बल्ब और तू ट्यूब, सखी...

तेरी-मेरी न समता कुछ, तेरे आगे न जमता कुछ...
मैं तो साधारण-सा लट्टू, मुझमें ज़्यादा न क्षमता कुछ...
तेरी तो दीवानी दुनिया, मुझसे सब जाते ऊब सखी, मैं बल्ब और तू ट्यूब, सखी...

कम वोल्टेज में तू न जले, तब ही मेरी कुछ दाल गले...
वरना मेरी है पूछ कहां, हर जगह तुझे ही मान मिले...
हूं साइज़ में भी मैं हेठा, तेरी हाइट क्या खूब सखी, मैं बल्ब और तू ट्यूब, सखी...

बिजली का तेरा खर्चा कम, लेकिन लाइट में कितना दम...
सोणिये, इलेक्शन बिना लड़े ही, जीत जाए तू खुदा कसम...
नैया मेरी मंझधार पड़ी, लगता जाएगी डूब सखी, मैं बल्ब और तू ट्यूब, सखी...

तू महंगी है, मैं सस्ता हूं, तू चांदी तो मैं जस्ता हूं...
इठलाती है तू अपने पर, लेकिन मैं खुद पर हंसता हूं...
मैं कभी नहीं बन पाऊंगा, तेरे दिल का महबूब सखी, मैं बल्ब और तू ट्यूब, सखी...`~`
Mera Naam M.S.D Hain

Mera Naam M.S.D Hain

Mera Naam M.S.D Hain,वैसे तो एक शरीफ इंसान हूं,आप ही की तरह श्रीमान हूं,मगर अपनी आंख से बहुत परेशान हूं,अपने आप चलती है,लोग समझते हैं, चलाई गई है,जान-बूझकर मिलाई गई है...

एक बार बचपन में,शायद सन पचपन में,क्लास में एक लड़की बैठी थी पास में नाम था सुरेखा उसने हमें देखा और बांई चल गई लड़की हाय-हाय..क्लास छोड़ बाहर निकल गई थोड़ी देर बाद हमें है याद प्रिंसिपल ने बुलाया लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया हमने कहा, जी, भूल हो गई वो बोले, ऐसा भी होता है भूल में शर्म नहीं आती,ऐसी गंदी हरकतें करते हो,स्कूल में और इससे पहले कि,हकीकत बयान करते कि फिर चल गई प्रिंसिपल को खल गई हुआ यह परिणाम कट गया नाम...

बमुश्किल तमाम मिला एक काम इंटरव्यू में, खड़े थे क्यू में एक लड़की थी सामने अड़ी अचानक मुड़ी नजर उसकी हम पर पड़ी और आंख चल गई लड़की उछल गई दसरे उम्मीदवार चौंके उस लडकी की साइड लेकर हम पर भौंके फिर क्या था मार-मार जूते-चप्पल फोड़ दिया बक्कल सिर पर पांव रखकर भागे लोग-बाग पीछे, हम आगे घबराहट में घुस गए एक घर में भयंकर पीड़ा थी सिर में बुरी तरह हांफ रहे थे मारे डर के कांप रहे थे तभी पूछा उस गृहिणी ने कौन..हम खड़े रहे मौन वो बोली,बताते हो या किसी को बुलाऊं...?और उससे पहले कि जबान हिलाऊं...चल गई...वह मारे गुस्से के जल गई...

साक्षात दुर्गा-सी दीखी बुरी तरह चीखी बात की बात में जुड़ गए अड़ोसी-पड़ोसी मौसा-मौसी भतीजे-मामा मच गया हंगामा चड्डी बना दिया हमारा पजामा बनियान बन गया कुर्ता मार-मार बना दिया भुरता हम चीखते रहे और पीटने वाले हमें पीटते रहे भगवान जाने कब तक निकालते रहे रोष और जब हमें आया होश तो देखा, अस्पताल में पड़े थे डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे...

हमने अपनी एक आंख खोली तो एक नर्स बोली दर्द कहां है.हम कहां-कहां बताते और इससे पहले कि कुछ कह पाते चल गई नर्स कुछ नहीं बोली...बाई गॉड... (चल गई)मगर डाक्टर को खल गई बोला,इतने सीरियस हो...फिर भी ऐसी हरकत,कर लेते हो इस हाल में...शर्म नहीं आती मोहब्बत करते हुए,अस्पताल में...?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय देने लगा अपनी राय भाग जाएं चुपचाप नहीं जानते आप बढ़ गई है बात डाक्टर को गड़ गई है केस आपका बिगड़वा देगा न हुआ तो मरा बताकर जिंदा ही गड़वा देगा तब अंधेरे में आंखें मूंदकर खिड़की से कूदकर भाग आए जान बची तो लाखों पाए...`~`
एक बार की बात है

एक बार की बात है

एक बार की बात है की एक बहुत पतला लड़का डॉक्टर के पास गया और बोला जी मेरा इलाज कर दो!

डॉक्टर ने कहा,” हम यहाँ इलाज़ करने के लिए ही बैठे हैं बताओ क्या बीमारी है?”

लड़के ने कहा, ”जी मेरी टांग मैं बीमारी है!
डॉक्टर बोला,” दिखा आपनी टांग”
उस पतले लड़के ने कहा,” जी आप हंस पडोगे मेरी टांग देखते ही!”

डॉक्टर बोला ,” नहीं हसूँगा हंसा तो आधी फीस माफ़!
लड़के ने अपनी टांग दिखाई, और डॉक्टर
उसकी पतली पतली हॉकी जैसी देख के हंस पडा और बोला तेरी आधी फीस माफ़
हो गयी , अच्छा बता क्या बीमारी है ?”

लड़का बोला जी बीमारी सुनो और आप फिर हंसोगे –
डॉक्टर बोला अगर मैं तेरी बीमारी सुन
के हंस पड़ा तो पूरी फीस माफ !
. .
.
.
लड़का बोला – जी ये टांग सूज रही हैं !!
एक भरपूर काला आदमी

एक भरपूर काला आदमी

एक भरपूर काला आदमी जुकाम की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने उसे सरसरी निगाह से देखकर कहा कि वो अपने कपड़े उतार दे और दोनों हाथों को जमीन पर टिका दे!
आदमी हैरान परेशान पर उसने यह किया!
ठीक है- डॉक्टर बोला.. अब जानवरों की तरह चलिए, और कमरे के दायें कोने में जाए..
आदमी ने यही किया..
ठीक - डॉक्टर साहब बोले- अब बाएं कोने में जाएं..
बंदा उधर चला गया!
अब इस कोने में, अब उस कोने में, अब सामने, अब बीच में..
आदमी घबरा के उठ खड़ा हुआ.. डॉक्टर साहब, कोई गंभीर बीमारी तो नहीं हो गयी मुझे?
अरे नहीं- डॉक्टर साहब बोले. मामूली जुकाम है, ये दो गोली लो सुबह तक ठीक हो जाओगे..
पर डॉक्टर साहब आपने ये मेरा एक घंटे तक इस तरह परीक्षण क्यों किया..
कुछ नहीं यार- डॉक्टर साहब बोले.. बात यह है कि मैंने एक काले रंग का सोफा खरीदा है, मैं देखना चाहता था इस कमरे में वो किस जगह ठीक दिखेगा..`~

मेरी माँ


एक बार एक शहरी परिवार मेले मेँ घुमने गया,
मेले मेँ 1 घंटे तक घुमे कि अचानक उनका बेटा मेले मेँ
खो गया,
दोनो पति-पत्नी ने मेले मेँ बहुत ढ़ुढ़तेहै, लेकिन
लङका नही मिलता है,
लङके कि माँ जोर-जोर से रोने लगती है, बाद मेँ पुलिस
को सुचना देते है,
आधे घण्टे बाद लङका मिल जाता है,
लङके के मिलते ही उसका पति गाँव का टिकिट लेकर
आता है, और वो सब बस मेँ बेठ कर गाँव
रवाना हो जाते है,
तभी पत्नी ने पुछा: हम गाँव क्यो जा रहे है, अपने घर
नही जाना है क्या?
तभी उसका pati बोला:
" तु तेरी औलाद के बिना आधा घण्टा नही रह सकती,
तो मेरी माँ गाँव मेँ पिछले 10 साल से मेरे
बिना कैसे
जी रही होगी..??
माँ-बाप का दिल दु:खाकर आजतक कोई
सुखी नही हुआ।